Networking में server एक प्रकार का कंप्यूटर होता है जिसका काम data store करना और network से connected दुसरे computers और devices (जिन्हें client कहा जाता है) को service provide करना होता है।
जब client को किसी प्रकार की जानकारी या data की जरूरत होती है तो वह उससे सम्बंधित सर्वर से संपर्क स्थापित करके उसे उस जानकारी को प्राप्त करने के लिए request भेजता है, रिक्वेस्ट मिलते ही सर्वर कुछ जरुरी process करने के बाद क्लाइंट को जवाब में वह डाटा भेज देता है।
Server का मतलब किसी hardware से भी हो सकता है या software से भी या यह दोनों भी हो सकते हैं। हार्डवेयर की बात करें तो एक powerful processor और स्टोरेज के लिए hard disk सबसे मुख्य भाग होते हैं वहीं सॉफ्टवेयर की बात करें तो ये कुछ ऐसे programs होते हैं जो कि सर्वर के हार्डवेयर का सही तरीके से उपयोग करके अलग-अलग प्रकार के functions और services provide करते हैं।
सर्वर अधिकतर dedicated होते हैं यानी की ये 24 घंटे हमेशा internet से connected रहते हैं औरअधिकतर सिर्फ सर्वर का ही काम करते हैं इसके अलावा इस system से कोई भी दूसरा काम नही लिया जाता।सर्वर का मुख्य काम नेटवर्क से जुड़े devices के बीच data या resource शेयर करना होता हैइसके अलावा जरुरत के हिसाब से यह कुछ special task को perform करने के लिए किसी विशेष program को run कर सकता है।
एक server को उपयोग करने से पहले उसके storage, RAM, processor, operating system का खास ध्यान रखा जाता है। Server के कई सारे प्रकार होते हैं और सभी अलग-अलग काम के लिए उपयोग किये जाते हैं।
सर्वर के मुख्य प्रकार निम्नलिखित है :-
जिस प्रकार से हमारा लैपटॉप या कंप्यूटर बिना किसी operating system के नही चलता ठीक वैसे ही एक server को चलाने के लिए भी OS की जरुरत पड़ती है। सर्वर के लिए कुछ अलग तरह के ऑपरेटिंग सिस्टम का उपयोग करना होता हैजो की client-server model पर सही तरह से काम करने के लिए बनाये गये होते हैं।