वायरस एक प्रोग्राम है जो हमारे कम्प्यूटर सिस्टम में बिना हमारी इच्छा तथा जानकारी के लोड हो जाता है । एक वायरस बार-बार खुद की प्रतिलिपि तैयार कर सकता है और उपलब्ध सारे मेमोरी का उपयोग कर सिस्टम की गति को धीरे या पूर्णतः रोक सकता है । कुछ वायरस कम्प्यूटर के बूटिंग से स्वंय को जोड़ लेता है तथा जितनी बार कम्प्यूटर बूट करता है वह उतना ही फैलता जाता है या कम्प्यूटर को रिबूट करता करता रहता है । वह कम्प्यूटर के डेटा या प्रोग्राम को क्षति पहुँचाता है । हमारे कम्प्यूटर में वायरस के आने का सामान्य तरीका इंटरनेट तथा अवांछित ई-मेल है ।
कम्प्यूटर वायरस भिन्न-भिन्न प्रकार के होते हैं :वायरस को नष्ट करने के लिए बनाये गये प्रोग्राम या सॉफ्टवेयर को एन्टीवायरस कहते हैं । इसमें आटो प्रोटेक्ट तथा रियाल टाइम प्रोटेक्सन की सुविधा रहती है जो इंटरनेट से किसी फाइल का उपयोग करने के पहले उसे जाँच लेता है कि यह वायरस मुक्त है या नहीं । अगर फिर भी वायरस सिस्टम में सक्रिय हो जाता है, तो हमें सूचित कर देता है । जिसे हम एन्टीवायरस के सिस्टम स्कैन चलाकर हटा सकते हैं । कुछ समय के अंतराल पर पूर्ण सिस्टम स्कैन चलाकर हम कम्प्यूटर को वायरस मुक्त रखने में सक्षम हो सकते हैं । सर्वप्रथम दिखनेवाला पर्सनल कम्प्यूटर वायरस सी-ब्रेन है ।
कुछ कम्प्यूटर वाइरस निम्नलिखित है :